वो आग
वो आग
कभी वो आग देखी थी हमने
जिसने एक किस्से को दास्ताँ बना दिया
वक़्त और दुनिया से लड़कर उसने
हमारे लिये एक आशियाना सजा दिया
और हमें अपनी दुनिया करार दे
हमरी हसरतों को सितारों से सजा दिया
आज वो आग देखी हमने
जिसकी लपटों ने हमारे
दिल का शामियाना जला दिया
और हमरी रूह को अपनी आगोश में सूला दिया
भरोसे के कच्चे धागों को झुलसा कर राख बना दिया
फिर भी उस पल की घुटन में हमने तुम्हें पुकारने का दम किया
पर शायद हमने जो भी किया कम किया