वक्त बड़ा बलवान है
वक्त बड़ा बलवान है
बहारें अपनी लगतीं थीं
सारा गुलिस्तान भी अपना था
दिन उजियारे और मस्ती भरे थे
रातें भी रौशन थीं।
हर तरफ़ खुशियों का आलम था
अम्बर में टिमटिमाते सितारों के साथ
जुगनू भी देते धरती पे उन सितारों का साथ
सोच कर कि सब उसने ख़ुद था यह बनाया।
अभिमान में चूर, कर रहा था अपना गुनगान
भूल गया था हो रहा है वक्त उस पर मेहरबान
कुछ ही पलों की बात थी
वक्त ने बदला जो मिजाज़।
रात अन्धियारी हो गई ज़िन्दगी
गुम कहीं सितारे हो गये
ठण्डी हवा, तब्दील तूफान में हो गई
तहस नहस सब था हो गया।
पतझड़ बन विरान हो गई ज़िन्दगी
कहने लगा अब ये वक्त मेरा खराब है
भूल कर, मैं भूल गया
यह वक्त बड़ा बलवान है।