वक्क्त थोड़ा बुरा है
वक्क्त थोड़ा बुरा है




रिश्तेदार कभी साथ नही देते है
वो हमेशा अपना स्वार्थ देखते है
कभी वो आपका फायदा उठायेंग
या फिर नजरें चुरायेंगे
लेकिन न कभी आपके साथ होंगे
न पास होंगें
बस हर बात में
आपको जलील करेंगें
औऱ बतायेंगे की सपा कितने
कमजोर है
आप भी उसे अपनी
अपनी हिम्मत धैर्य
से अपने वक्क्त को बदले
और उसे बताये की
हम कमज़ोर नहीं है
बस हमारा वक्त थोड़ा बुरा है।