विवाह
विवाह
विश्वास की डोरी से सजा
सम्मान के मोतियों से सुसज्जित
सात फेरों में बंधी प्रेम की डोरी
मेरे हृदय में दीप जलाती
नित्य नव उमंग भर जाती
यह दिवस है
मेरे हृदय में प्रेम अवतरण का
शुभ घड़ी का
विवाह
का दो दिलों का गठबंधन
विवाह
त्याग और समर्पण का वर्णन
विवाह
मैं और तुम से हम होने का बंधन
विवाह
एक दूसरे में खोने का संगम है विवाह ।।