विश्वास का आधार
विश्वास का आधार
विश्वास का आधार
विधा-कविता
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मात पिता एक बार मिले,
होते विश्वास का आधार,
निज बच्चे पर कुर्बान हो,
लुटा देते हैं पल में प्यार।
सृष्टि के हम साथ जी रहे,
वो है विश्वास का आधार,
बेशक कोई लाख दुख दे,
जगत में मिले सुख हजार।
विश्वास का आधार होते,
भाई बहन का जग प्यार,
भाई मिलता हर विपत्ति,
जान देने को बहन तैयार।
विश्वास का आधार कहे,
शिक्षा दीक्षा देते जो गुरु,
हर कदम पर देते साथ,
होता है नव जीवन शुरू।
विश्वास का आधार कहो,
दोस्त, दोस्ती और संसार,
भ्राता से कम नहीं दोस्त,
जग का अमूल्य हो प्यार।
लेन देन जब जन से हो,
कहलाए विश्वास आधार,
कहीं न कहीं झलकता है,
गहन दोस्ती रूपी प्यार।
विश्वास का आधार कहो,
आपस में संबंधों का दौर,
संबंध विच्छेद अगर होता,
मच जाता है जग में शोर।
रिश्तों नातों में छुपा हुआ,
विश्वास का एक आधार,
संबंध कभी नहीं टूट पाए,
आये आंधी तूफान हजार।
प्रेम प्रीत के इस हाट पर,
संबंध एक बुनियाद होते,
टूट जाएंगे जब ये संबंध,
लोग बिलख बिलख रोते।
कहीं भी जाओ बस पाओ,
संबंध वहां भी खड़े तैयार,
संबंधों का आधार विश्वास,
मिले नहीं संबंध भी उधार।
जन्म से मृत्यु तक चलते हैं,
इंसानों के बीच कुछ संबंध,
संबंध बहुत ही साथ निभाये,
दूर से मिलती संबंध सुगंध।