विजय
विजय
शुरुआत हैं, विश्वास रखो,
सुन्हेरा कल हैं, आगे बढ़ो।
धूप हैं, छाया स्वयं बनो;
तलवार उठाओ, खुद अपनी सहायता करो,
डटे रहो, गिरकर फिर उठो;
विजयी बनो, मेहनत का रास्ता अपना लो।
पत्थरों से घबराओ नहीं, धैर्य धरो;
चट्टानों को पार कर जाओगे, विश्वास रखो।