वीर जवान
वीर जवान
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देश की सरहदों पर जो है डटा हुआ
रात दिन हर मौसम को सहता हुआ
किस धर्म किस भाषा जाती से बंधा है वो
सैनिक है सिर्फ़ मातृभूमि से जुड़ा है वो
परिवार, प्रेम, सब वार दे देश जब पुकार ले
सब रिश्तों से बढ़कर देश प्रेम स्वीकार ले
अपने सभी भावों को स्वदेश प्रेम पर वार दे
नमन है उन्हें शत शत उनके उपकारों का
ऋण चुका सकते नहीं हम वीर जवानों का।