वह लड़की (नायिका)
वह लड़की (नायिका)


मंदिर में एक जलता दिया सा खुशबू लिए ठंडी हवा सा ।
आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ता गया वह जज्बा एक नशा सा
वह लड़की सावित्रीबाई फुले,3 जनवरी 1931 को सतारा में जन्मी।
पिता खन्दौजी नैवेसे, माता का नाम था उसकी लक्ष्मी ।
ज्योतिराव फुले पति थे उसके, विवाह हुआ था मात्र 9वर्ष में ।
भारत के प्रथम बालिका विद्यालय की, बनी प्रिंसिपल ।
किसान स्कूल की संस्थापक सामाजिक आंदोलन की सूत्रधार ।
विधवा विवाह करा, छुआछूत को मिटा महिला शिक्षा का दिया उपहार ।
191 वर्ष पहले बालिका विद्यालय का खोलना माना जाता था पाप।
पूरे देश की महानायिका को, महिलाओं को देख होता बड़ा संताप ।
आत्महत्या को जाती गर्भवती, काशीबाई की जान बचाई ।
उसके पुत्र को दत्तक पुत्र, यशवन्त नाम रख डॉक्टरी पढाई।
अपने पति का साथ पा "सत्य शोधक, समाज "की स्थापना की ।
मात्र 66 वर्ष की उम्र में, प्लेग मरीजों की सेवा करते अंतिम सांस ली।
जीना उसका जीना है ,परहित सेवार्थ जो जीवन अर्पित करे ।
मरना तो सबको है एक दिन ,पर आज इतिहास में अमर है वे ।