वैलेंटाइन डे
वैलेंटाइन डे
कल वैलेन्टाइन डे है,
बोलो तुम को क्या चाहिए,
अंगूठी,हार,झुमके, बालिया,
वो मेरा हाथ पकड़ कर बोली,
मुझे कुछ नही चाहिए,
बस जीवन भर साथ चाहिए।
तुम शरमाती बहुत हो,
जब मैंने उससे पूछा,
तो पलटकर बोली अरे बाबा,
मै एक भारतीय नारी हूँ,
यह तो मेरा गहना है।
उसने बड़े प्यार से पूछा,
वेलेंटाइन डे क्या होता हैं,
अरे पगली तुझे इतना भी नहीं पता,
ये तो प्यार का एक दिवस होता हैं,
सब अपने प्यार का इजहार कर,
खुशियाँ मनाते हैं, उपहार देते हैं।
थोड़ी सी सकुचाती हुई वो बोली,
क्या तुम मुझसे प्यार नहीं करते।
अरे बाबा करता हूँ बहुत ज्यादा,
तो मुस्कराती हुई वो बोली
रहने दो ये वैलेन्टाइन डे
मेरे लिये तो हर दिन प्रेम दिवस होता हैं,
मुझे नहीं मनाना कोई वैलेन्टाइन डे।
तुम से इक बात पूछू,
दबी आवाज में वो बोली,
हाँ हाँ क्यों नहीं,
तुम मुझे बहुत अच्छे लगते हो,
मेरी कोई तमन्ना नहीं की,
तुम मेरे लिए चाँद तारे लाओ,
ना ही मेरी याद में ताज महल बनाओ,
बस इतनी सी तमन्ना है मेरी,
प्यार के दो शब्द बोलते रहना,
मेरे जीवन में मिठास घोलते रहना।
अरे रूक भी जाओ तुम अब ,
जब मैंने उससे बोला तो
मेरे लबों पर अपनी नाजुक सी,
अंगुलियां रखकर बोली
पहले मैं जो कह रही हूँ वो सुनो,
हू हू कह मैंने सिर हिलाया,
वो बोली तेरी बाहों की पनाह में,
मुझे जीवन भर रखना,
मै रूठ भी जाऊँ तो मुझे मना लेना,
सुख हो या दुःख मैं तेरे साथ रहूँगी,
बस मुझसे कभी ऊँची आवाज़ में,
बोलने की कोशिश मत करना,
मै बहुत इमोशनल हूँ
सह नहीं पाऊँगी
रूक भी जा पगली मुझे भी रूलायेगी तू,
जैसा तू चाहेगी वैसा ही होगा,
उसने ख़ुश हो कर मेरा हाथ चूम लिया,
कान में आकर धीरे से बोली
हैप्पी वैलेन्टाइन डे डियर।