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Umesh Shukla

Abstract Inspirational

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Umesh Shukla

Abstract Inspirational

वास्तविक प्रकाशक

वास्तविक प्रकाशक

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वक्त ही होता हर इंसान 

का वास्तविक प्रकाशक

वह अच्छा है तो दूसरों

को दिखे सब चकाचक


वह बुरा है तो साया भी 

दिखने लगता भयानक

दुर्दिन में बस परमात्मा

औ आत्मा ही रहें साथ


अपने करीबी भी घबरा

कर छुड़ाने लगते हैं हाथ

हे ईश्वर हम सब पे बनाए

रखना अपनी कृपा दृष्टि


जब वक्त अच्छा हो तभी 

अच्छी लगती है यह सृष्टि।


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