Praveen Gola
Romance
जब हम दुनिया ...
चलो आगे बढ़ो
नाराजगी कैसी ...
अपनो ने ही छो...
धड़कने दो दिल...
दिल टूटने की ...
शुक्रिया प्रभ...
बिस्तर की रान...
यार मेरे तूने...
छुप गये तेरी ...
होश खो बैठा है कब से 'आकिब' मुद्दतों से तेरा दिवाना है। होश खो बैठा है कब से 'आकिब' मुद्दतों से तेरा दिवाना है।
रिवाज़-ए-मोहब्बत हमने भी निभाई है बहुत। रिवाज़-ए-मोहब्बत हमने भी निभाई है बहुत।
निभाई साथ ही की खूब मिलकर पढाई मुश्किले भी जमकर आई। निभाई साथ ही की खूब मिलकर पढाई मुश्किले भी जमकर आई।
कुछ तो कहो उसे जिसे तुम कह ना सके अपनी आंखों में छुपे इकरार से कुछ तो कहो उसे जिसे तुम कह ना सके अपनी आंखों में छुपे इकरार से
सिवाय इसके की तुम मुझे पूरे क्यों नहीं मिले,,,,,,!! सिवाय इसके की तुम मुझे पूरे क्यों नहीं मिले,,,,,,!!
लौट कर आएं बहारे औ चमन खिल जाए पास भंवरों को बुलाए तो हमें खत लिखना लौट कर आएं बहारे औ चमन खिल जाए पास भंवरों को बुलाए तो हमें खत लिखना
लागी उस निर्मोही के संग बदलते गए उनकी मोहब्बत के रंग बदलती हुई आदतों के संग। लागी उस निर्मोही के संग बदलते गए उनकी मोहब्बत के रंग बदलती हुई आदतों के संग।
या पाषाण सा दिल, ये जो इंतहा है क्यों सिमटती नहीं ? अब तू ही बता पिया। या पाषाण सा दिल, ये जो इंतहा है क्यों सिमटती नहीं ? अब तू ही बता पिया।
इश्क सत्य है इश्क शाश्वत हैं इश्क दिलों का दिलों से आभास हैं। इश्क सत्य है इश्क शाश्वत हैं इश्क दिलों का दिलों से आभास हैं।
दूर रहकर भी मन से मन की बात कहती है ख्वाबों में हररोज़ तुझसे ही मुलाक़ात करती है, दूर रहकर भी मन से मन की बात कहती है ख्वाबों में हररोज़ तुझसे ही मुलाक़ात करती ह...
ये बस शुरूआत तो था और ये सोचना बी पॉजिटिव का एहसास जो था। ये बस शुरूआत तो था और ये सोचना बी पॉजिटिव का एहसास जो था।
लड़खड़ाते कदम बेकाबू दिल लेकर ऐसे चल दिये। लड़खड़ाते कदम बेकाबू दिल लेकर ऐसे चल दिये।
तेरे रंग में रंगी सांवरे सारे जग पे, मैं वारी जाऊं। तेरे रंग में रंगी सांवरे सारे जग पे, मैं वारी जाऊं।
प्यार तो आज तक उसे नहीं था कभी, प्यार के साथ उस को जफ़ा मिल गया। प्यार तो आज तक उसे नहीं था कभी, प्यार के साथ उस को जफ़ा मिल गया।
काश हम उस उगते हुए “किरण कि रोशनी" होते काश हम “एक तलाब" होते काश हम उस उगते हुए “किरण कि रोशनी" होते काश हम “एक तलाब" होते
पगली कहती है अफ़सोस जताती है आख़िर क्यों हमने इश्क़ किया पगली कहती है अफ़सोस जताती है आख़िर क्यों हमने इश्क़ किया
बता कैसे करूं इश्क की ईबादत मैं दर्द तेरे सब लेके मैं मर जाऊँ क्या ? बता कैसे करूं इश्क की ईबादत मैं दर्द तेरे सब लेके मैं मर जाऊँ क्या ?
इंतज़ार भी कमाल का होता है अक्सर रुला के अगले पल हंसा जाता है। इंतज़ार भी कमाल का होता है अक्सर रुला के अगले पल हंसा जाता है।
जिसकी असीमित सीमाओं को मैं आपके आँखो में देखता हूँ.. जिसका ना तो क्षेत्रफल निकाल पाना जिसकी असीमित सीमाओं को मैं आपके आँखो में देखता हूँ.. जिसका ना तो क्षेत्रफल न...
जीत लेंगे ,कोरोना को हम, दोस्तों ये खुदा तो नहीं है जीत लेंगे ,कोरोना को हम, दोस्तों ये खुदा तो नहीं है