उम्र का ये पड़ाव
उम्र का ये पड़ाव
इस उम्र में भी प्यार हो जाएगा ऐसा सोचा ना था
जिंदगी कितनी बदल गई रास्ते कितने बदल गए
हम सफर कब कहाँ किस मोड़ पर मिल जाएगा
एक रोज इंतजार खत्म होगा हमने सोचा ना था
उम्र के इस मोड़ पर सुख-दुख वक्त बदलते देखा
जब प्रेम मिला तो मन ने सोचा प्रेम ऐसा ही होगा
उम्र के इस पड़ाव में अब तो बस यही कामना है
हमेशा बना रहे प्यार कभी छूटे ना उनका साथ
हमें तो उनकी झुर्रियों से भी मोहब्बत हो गई है
अब साथ चलना है हाथ पकड़ कर उनका हमेशा
ये उम्र भले ही ढल जाए पर ये प्यार न ढलेगा अब
ये बूढ़ी आंखें बस उनकी आंखों में खोना चाहती है
जिंदगी के सफर में बस उनके साथ चलना चाहते हैं
इस उम्र में एक दूसरे के प्रति निस्वार्थ भाव चाहते हैं
हम सफर कब कहाँ किस मोड़ पर मिल जाएगा
एक रोज इंतजार खत्म होगा हमने सोचा ना था !!