उम्मीद २
उम्मीद २
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
बारिश जब आती है
यह उम्मीद रहती है कि
हर एक बूंद में ज़िंदगी होगी
धरती की प्यास बुझ जाएगी
सूखी नदियों में जान आएगी
हर तरफ हरियाली होगी
सबकी मुस्कान लौट आएगी ।
फिर होती है बरसात
कर देती है सब समाप्त
खो जाती है मेहनत
हो जाती खुशियों का अंत ।
कुछ वक्त बह जाता है
बारिश थम जाती है
वापस लौट जाती है
बस छोड़ जाती है एक उम्मीद
फिर एक नया दिन आएगा
सूखा पेड़ मुस्कुराएगा
मुर्दा भी जीवन पाएगा
हर सपना सच हो जाएगा
एक नया दिन आएगा ।