Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Pradeep Sahare

Tragedy

3  

Pradeep Sahare

Tragedy

उलंगवाडी

उलंगवाडी

1 min
316



जैसे ही वह आए,

बाणी में थी धार।

लगा दी शब्द बाण ,

बौछार की झड़ी ।

शब्दबाण की बौछार में।

जनता मर मिट गई,

हो गई पागल,हुई येडी।

रास्ते,गली मोहल्ले ,मैदान,

सब जगह भीड़ बढ़ी ।

समझ गये वे मंज़र।

पहुंच गये घर घर ।

सब तरफ हर हर ।

सफल हुआ ,

भीड़ का खेल ।

खेल खत्म हुआ तो !

खेल में हुई जीत ।

जीत से हुई अपनी,

सीडी,जीडी ईडी ।

और..और..

जनता के कान में,

दिखने लगी बीडी।

लगने लगी सब,

येडी खुडी ।

जो ना लगे,

उसके पीछे ई डी ।

देश और देशभक्ति,

सब की जुब़ा पर ।

डिझल,पेट्रोल दाम,

बढ़ने लगे बराबर।

निजिकरन का लगा बाजार।

बिकने लगे उघोग,

एक एक कर ।

सहम गये वह कर,

जिन्होंने पहुंचाया था,

बुलंदियों पर ।

बुलंदियों से अब,

पहुंचे धरातल पर ।

बस्,

अब हैं मन में,

एक ही ड़र ।

बिकते बिकते,

बढ़ती महंगाई ।

ना   आएं वह घड़ी।

कहीं जनता की ना हो,

उलंगवाडी...


उलंगवाडी(उलंगवाडी शब्द ग्रामीन में बाजार उठने आखरी समय,या खेत से सब अनाज या अन्य पीक घर लाने के बाद प्रयोग होता हैं।विशेषता विदर्भ प्रांत में)


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy