उड़ान का पाठ
उड़ान का पाठ


पँछियों से सीखो जिंदगी का पाठ
बच्चों की शुरू होते ही ऊँची उड़ान
पीछे घोंसला कर दिया खत्म सपाट
बच्चों के होंसले बुलंद बने काबिल
लेना पड़ता है खुद बच्चों का इम्तेहान
भोजन आश्रय की निर्मित व्यवस्था
नयी पीड़ी हो जाती है पंगु नाकाम
बड़ों का अनुभव और विश्वास
पूत सपूत तो क्या धन संचय
पूत कपूत तो क्या धन संचय
परिंदे विधिवत करते निर्वाह
मिलता है बच्चों को जन्म से
घोंसला दाना पानी सहारा
मिलता है आत्मनिर्भरता का गुण
ज़ज़्बा होंसला संसार है विस्तृत
तेरी सीमा नहीं सिर्फ ये घोंसला।