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Mithilesh Tiwari

Abstract Inspirational

4.0  

Mithilesh Tiwari

Abstract Inspirational

उड़ान

उड़ान

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स्वप्न सुनहरे पंखों को,

खोल दिया आसमान में।

अब मिलें ठिकाना उनको,

मंजिल की ऊँची उड़ान में।।


रोक सके ना कोई राहों को,

स्यामल घटा जहान में।

मन के सतरंगी सपनों को,

देखें इंद्रधनुष के वितान में।।


आसान नहीं जीना ख्वाबों को,

नहिं सहजता इस उत्थान में।

कर बुलंद निज हौसलों को,

बढ़ना है आगे तूफान में।।


ओस-कणों से कोमल शब्दों को,

मिले संजीवनी वरदान में।

करें चंद्रिका रजत पुँज भावों को,

सुधा बरसे गीतों के सम्मान में।।


तम हरते नभ के तारों को,

है आमंत्रण अभिज्ञान में।

सोई हुई चिर उम्मीदों को,

जागृत कर दे काव्य विधान में।।


प्राची की स्वर्णिम किरणों को,

करें अभिनंदित नित गान में।

साज मिलें जब सप्त सुरों को,

सरगम गाएँ जन-कल्याण में।।


पंख लगे आशाओं को,

प्रतिबिंबित करते प्रतिमान में।

मान मिले जहाँ में जिनको,

परिवर्तित हो जाए पहचान में।।


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