उदास आज़म
उदास आज़म
रोज़ रहता उदास है आज़म ?
ग़म जैसे आस पास है आज़म
जुल्म अपनों के याद करके ही
आजकल दिल निराश है आज़म
बात करके हल्का मन होता है
आज वो भी न पास है आज़म
हाल दिल का किसे सुनाऊँ मैं
के नहीं कोई ख़ास है आज़म
रास आती है चोट नफ़रत की
प्यार मुझको न रास है आज़म
बात वो ऐसी कर गया मुझसे
शाम से दिल हिरास है आज़म।
आज़म नैय्यर