त्योहार ऐसा भी
त्योहार ऐसा भी
काश एक ऐसा भी त्यौहार हो
जहाँ बस खुशियों की बौछार हो।
जहाँ भाईचारे की होली हो,और
हर आँगन में बच्चों की रंगोली हो।
जहाँ हर मज़हब की ईद हो और
मिल कर बाटें ऐसी मीठ हो।
जहाँ हर घर मे बैसाखी हो
और हर माँ संगी साथी हो।
जहाँ सर्वधर्म समभाव हो और
हर मोज़े में उपहार हो।
काश एक ऐसा भी त्यौहार हो
जहाँ आयत से सजती दीवार हो
और मानवता धर्म स्वीकार्य हो।