तू यहीं है
तू यहीं है
शायद तुम हो
शायद तुम नहीं
अकेले बैठा करती हूँ जब भी
तुम्हारा एहसास
वो पल सब
आँखों के समक्ष
नदिया की भांति
बहने लगते हैं...
आज तुम हो तो नहीं...
मगर
तुम्हारा एहसास
हर पल
हर जगह महसूस होता है
शायद तुम हो
यहीं हो
यहीं मेरे पास
या मेरे ....