तू मेरे सनम करीब आ रही है
तू मेरे सनम करीब आ रही है
तू मेरे सनम करीब आ रही है
तुझे देख कर जां भरी जा रही है
तुम्ही ने था मुझको मुझको सम्भाला
तू लगती है एक मय का प्याला
तुझे पी के मेरी तबियत खिली जा रही है
तुझे देख कर जां भरी जा रही है
तू मेरे सनम ...................
वो मौसम अब भी मुझको सताता है
जिसमें मेरे तू पास आता है
बारिश बन तू मुझको भिगौती जा रही है
तुझे देखकर जां भरी जा रही है
तू मेरे सनम......................
तू मेरे सामने है तो सारा जहां है
तू ही तो मेरा इश्क का आशियाँ है
मेरे दिल में बस तू ही बसी जा रही है
तुझे देखकर जां भरी जा रही है
तू मेरे सनम.......................
तेरा वो फूलों से महकता लिबास
चांदनी रात में तेरे जिस्म का वो एहसास
मेरी सांस अब तेरी सांस में मिली जा रही है
तुझे देखकर जां भरी जा रही है
तू मेरे सनम......................
मुझे जबसे तूने अपना लिया है
ख़ुशी का मुझमें तबसे जल उठा एक दिया है
तू मेरी सनम, मेरी चाहत हुयी जा रही है
तुझे देखकर जां भरी जा रही है।