तू कर्महीन मत हो
तू कर्महीन मत हो
तू शंकित मत हो
तू भ्रमित मत हो
तेरा काम है
कर्म करना
तू कर्महीन मत हो
कर्मफ़ल तेरे वश
में नही है
तू भाग्य के भरोसे
आलसी मत हो
तू भूखा सोयेगा
तू भूखा रोयेगा
तू मेहनत से दूर मत हो
तू कर्महीन मत हो
जो मेहनत करता है
आज नहीं तो कल वो
सफ़लता प्राप्त करता है
तू सफ़लता से दूर मत हो
तू क्यों परेशान होता है
तू क्यों व्यथित होता है
तू कर्म कर बस कर्म कर
तू एक चोट से,
जख्मी मत हो
तू कर्महीन मत ही
उठ,खड़ा हो जा
लक्ष्य में तू खो जा
अपनी रोशनी से
हे साखी तू दूर मत हो
तू कर्महीन मत हो।