तू ही मन मित है
तू ही मन मित है
चल रहीं हैं सांसे तो हर कदम जीत है
तेरा साथ मिला हर कदम तू ही मन मित है
खुले आसमान में देखो बादल उड़ते हैं
कोई दूर होता, तो कोई किसी से जुड़ते हैं
सर सर झर झर बारिश के मिलन गीत है
चल रहीं हैं सांसे तो हर कदम जीत है
तेरा साथ मिला हर कदम तू ही मन मित है
भौंरे फूल बहार हरियाली
लचके डाल दे देकर ताली
भान कहां पतझड़ का कि न वो आए
खून क्यों सूखे क्यों न वो आज गाए
बीतेगा जैसे एक गया बीत है ।
चल रहीं हैं सांसे तो हर कदम जीत है
तेरा साथ मिला हर कदम तू ही मन मित है
नैन पुतरी जब अश्क समंदर में डुब जाए
कभी इस तीर कभी उस तीर छटपटाए
तू सोख लेती है आंसू संबल के किरणों से
रास्ता मिलता है उलझन के चंबल बीहड़ों से
तुम हो हमदम मेरे तूने निभाई हर रीत है ।
चल रहीं हैं सांसे तो हर कदम जीत है
तेरा साथ मिला हर कदम तू ही मन मित है