तू ही मेरा प्यार
तू ही मेरा प्यार
एहसास नहीं करना चाहता तुम्हे अपनी गलती का
पर यह ज़रूर पूछूंगा कमी मुझमे क्या थी
तुम्हारे साथ ही हूँ हमेशा तुम्हारी खुशियों के लिए
पर सवाल ज़रूर करूँगा के तुम्हारा प्यार था की प्रलोभना थी...
समझी नहीं तुम मेरी चाहत को या समझा न सका मैं तुझे
कितना प्यार मैं करता हूँ कल आज और कल मैं तुझे
गम में देख नहीं सकता तुझको, चाहो न चाहो मुझे
साँसे रहेगी तब तक प्यार करता रहूँगा सिर्फ तुझे
दुनिया से भागकर क्या मिलेगा ज़िन्दगी में
अपनों से ही है ज़िन्दगी, न कोई और अपनी बंदगी है
पाना चाहता हूँ तुम्हारे दिल से, नहीं किसी से छीनना
हर पल है मेरे दिल में मन में और तुहि हर ख़ुशी में
समझ के भी तू समझती नहीं मेरे प्यार की परिभाषा
हो जाता है जीवन में फिर कोई नया तमाशा
देवी हो तुम मेरी पूजूंगा तुम्हे ज़िंदगीभर
जो साथ दे तक़दीर तो तुझे अपना बनाऊॅं यही है मेरे आशा...