Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

तू ही मेरा प्यार

तू ही मेरा प्यार

1 min
419


एहसास नहीं करना चाहता तुम्हे अपनी गलती का

पर यह ज़रूर पूछूंगा कमी मुझमे क्या थी

तुम्हारे साथ ही हूँ हमेशा तुम्हारी खुशियों के लिए

पर सवाल ज़रूर करूँगा के तुम्हारा प्यार था की प्रलोभना थी...


समझी नहीं तुम मेरी चाहत को या समझा न सका मैं तुझे

कितना प्यार मैं करता हूँ कल आज और कल मैं तुझे

गम में देख नहीं सकता तुझको, चाहो न चाहो मुझे

साँसे रहेगी तब तक प्यार करता रहूँगा सिर्फ तुझे


दुनिया से भागकर क्या मिलेगा ज़िन्दगी में

अपनों से ही है ज़िन्दगी, न कोई और अपनी बंदगी है

पाना चाहता हूँ तुम्हारे दिल से, नहीं किसी से छीनना 

हर पल है मेरे दिल में मन में और तुहि हर ख़ुशी में


समझ के भी तू समझती नहीं मेरे प्यार की परिभाषा

हो जाता है जीवन में फिर कोई नया तमाशा

देवी हो तुम मेरी पूजूंगा तुम्हे ज़िंदगीभर

जो साथ दे तक़दीर तो तुझे अपना बनाऊॅं यही है मेरे आशा...


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance