तू बस बढ़े जा
तू बस बढ़े जा
किसी ने कहा, पहाड़ तोड़ना मुश्किल है
किसी ने कहा, समुद्र चीरना मुश्किल है
पर सबसे मुश्किल है
इस दुनिया को खुश करना
अजीब है ये दुनिया
अजीब है इसके नियम
किसी की जान जाए तो जाए
खोट निकालना आदत है इसकी
जिस दुनिया ने 'सीता मैया 'को भी ना छोड़ा
की व्यंग्य बाणों की वर्षा
रामजी ने जानकी को छोड़ा
कोई खुश क्यों है ?
कोई दुखी क्यों है ?
दुनिया को चैन ना आये
कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा
भानुमति ने कुनबा जोड़ा
क्यों हुआ ? कैसे हुआ
ये धनुष किसने तोड़ा
भीड़ ने कभी परिवर्तन नहीं किया
इतिहास गवाह है
क्रांति हुई, युग बदला
तो किसी एक ने साहस किया है
एक चिंगारी ही चीर देती है अँधेरा
जीना है तो कर दुनिया से किनारा
ज़िंदगी तेरी है बस जिए जा
झुकेगी दुनिया तू बस बढ़े जा।।