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तुम्हारी याद

तुम्हारी याद

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रिमझिम बरसातों का मौसम

हमें तुम बहुत याद आते हो

यह तन्हाइयों का दर्द हमें

क्यों हमको याद दिलाते हो ??


याद तुम्हारी हमें तड़पाती है

मेरे आँखों से आँसू बहते हैं !

बिजली की चमक से डरकर

किसी कोने में छुप जाते हैं !!


यह आलम मुझे सताता है

तुम याद बहुत ही आते हो !

यह तन्हाइयों का दर्द हमें

क्यों हमको याद दिलाते हो ??


मेघों का गर्जन सुन सुन कर

मेरा ह्रदय कांपने लगता है

तुम पास हमारे रहते अगर

डर कोसों दूर हो जाता है !!


दिन भर तो मेरे गुज़र जाते हैं

रात में तुम बहुत याद आते हो !

यह तन्हाइयों का दर्द हमें

क्यों हमको यूँ याद दिलाते हो ??


सावन की बूंदों के संग -संग

मेरे दो नयना नीर बहते हैं !

सुध मेरी भला यहाँ लेगा कौन

सबके सब हमें ताने देते हैं !!


अब हम तो थक कर हार चुके

कोई राह ना तुम दिखलाते हो !

यह तन्हाइयों का दर्द हमें

क्यों हमको यूँ याद दिलाते हो ??


रिमझिम बरसातों का मौसम

हमें तुम बहुत याद आते हो !

यह तन्हाइयों का दर्द हमें

क्यों हमको यूँ याद दिलाते हो ??



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