तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती है
तुम्हारी याद आती हैं
सच मे बहुत आती है
मै खुद को रोकती हूँ
खुद को समझाती हूँ
तुम कभी नही आओगे
लेकिन दिल नही मानता
फिर मैं नाकाम हो जाती हूँ
और रोने लगती हूँ
तुम्हारी फोटो तो नहीं है
मै आसमान को देखती हूँ
जब तारा टूटता है
तो तुम्हें माँगती हूँ खुदा से
एक विश्वास आज भी है
तुमको भी मेरी याद आयेगी
इसी उम्मीद से हर रोज
तुम्हारा इन्तज़ार करती हूँ
तुम्हारी याद आती है
सच में बहुत आती है।