Mayank Kumar 'Singh'

Romance

5.0  

Mayank Kumar 'Singh'

Romance

तुम्हारा स्वागत है

तुम्हारा स्वागत है

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सदन की वाहवाही में

कविता पढ़ तुम्हें याद करता

तुम्हारी यादों वाली छंद में

तालियां मधुर स्वर का गर्जन करता

इसी गर्जन में आंसुओं संग

तुम्हारा मैं स्वागत करता !


सदन की वाहवाही में

तुम्हारा स्वागत है . .

मेरे दिल की हर एक दर्द भरी

दास्तां में तुम्हारा स्वागत है . .!!


~


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