तुम्हारा अपना
तुम्हारा अपना
जीवन में तुम्हारे पास जो कुछ भी है
वो तुम्हारा अपना है।
उसके साथ ख़ुशी से जिओ
क्योंकि बाकी सब तो सपना है।
तुम्हारी मुस्कान तुम्हारी अपनी है,
इसको तुम भूल कर भी मत खोना,
इसके लिए अपनी खुशियाँ संजोना।
तुम्हारी अच्छाई तुम्हारा श्रृंगार है,
लोगों से अपनी प्रशंसा सुनना,
पर अपने अहम में कभी मत बुनना।
तुम्हारा दुःख तुमसे बड़ा नहीं है,
इसके साथ मिलकर कभी मत रोना,
बल्कि इसमें अपने अनुभव पिरोना।
तुम्हारा सौन्दर्य तुम्हारी ताकत है,
इसमें कभी भी रितना नहीं,
इससे तुम अपनों का दिल जीतना।
तुम्हारी आँखें तुम्हारा वर्णन करती है,
इसमें पानी नहीं सदा ख्वाब सजाना,
इनसे द्वेष नहीं हमेशा प्रेम दिखलाना।
तुम्हारी कला तुम्हारा भाग्य है,
अपनी कला को कभी काला न होने देना,
अपने ज्ञान को नए बीज बोने देना।
तुम्हारा प्यार तुम्हारा अस्तित्व है,
इसको कभी भी स्वार्थ न बनने देना,
अपनों को दिल के करीब ही रहने देना।
तुम और कुछ नहीं.
अपने वर्चस्व को कभी डगमगाने मत देना,
अपनी आशाओं को हारने मत देना।