तुम सनम
तुम सनम
1 min
249
कस के मुझे बाहों में ऐसे ,
जाने ना देना तुम सनम ,
हम लाख मिन्नतें करें ,
छुड़ाने ना देना तुम सनम |
दिल तेरा होने अब लगा है ,
तेरी चाहतों में खोने लगा है ,
इन चाहतों की गार्मियों को ,
कम ना होने देना तुम सनम |
प्यार का नाम होठों पर ऐसे आया ,
जैसे तेरी बाहों का मुझपर साया ,
अपनी बाहों के हार को कभी ,
मेरे गले से ना उतारना तुम सनम |
बंद पलकें तेरा सजदा करतीं ,
खुली पलकें तेरी राह तकती ,
लब भी अब थोड़ा कसमसाते ,
इन्हे चूम के ना छोड़ना तुम सनम |
मैं रोज़ नए - नए ख्वाब बुनती ,
तेरे होने का एहसास सुनती ,
मेरे पिघलते अरमानों का ख्वाब ,
अधूरा ना रहने देना तुम सनम ||