तुम को प्यार किया है
तुम को प्यार किया है
तुनक कर दूर जा बैठा
वो मेरा हमनफ़स
हमख़याल
जाने किस बात पर
वो खुद से दूर जा बैठा
नई सुबह नया दिन
नया विचार नई दिशा
मगर उसकी वाज़िब
नाराज़गी
जो बोलते हुए मंज़रों को भी
उदास कर जाती है
उसको कई बार आईने में
रूबरू होकर अपने अक्स से
अक्सर मैंने की है
बड़ी दिल फ़रेब बातें
तुम को प्यार किया है
तो क्या गुनाह किया है
बस यही एक सवाल
खुद से बार बार किया है
और जवाब भी आया
माना प्यार किया है
क्या जाना प्यार क्या है
खुद को खुद में
तबाह करना या
तबाह होने का इंतज़ार
करना
ज़ुबाँ सील हो गई
ऑंखें ख़ामोश रहने लगी
तुम को भी प्यार हो गया
मानो या न मानो....