तुम हो
तुम हो


हमारी तो हर आरजू ही तुम हो।
हमारी सांसो की ताज़गी तुम हो।
जितना तुम्हे चाहते है शायद
उतना खुद को भी नही चाहते है,
हमारे जीने की वजह तुम हो।
कोई ख़ता हो जाये, माफ़ कर देना,
हमारी गलती और पागलपन तुम हो।
जिंदा है तो तुम्हारे लिए ही साखी,
हमारी तो जिस्म की रूह भी तुम हो।