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टिक-टाक वाला विडियो... !

टिक-टाक वाला विडियो... !

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पहले ज़ब वो मिलती थी, 

नजरें मिलाती थी, 

सारी रात मैसेंजर पे 

चैटिंग किया करती थी, 

अचानक से ना जाने 

उसको क्या हो गया, 

कि बात करना तो दूर 

अब तो 

उसने अपना पुराना नम्बर 

भी बदल लिया, 

मगर आज भी मैं 

उसके साथ बनाया हुआ, 

टिक-टाक वाला वीडियो देखकर 

दिन गुजार लेता हूँ !

लाख कोशिशों के बाद खुद को 

संभाल लेता हू !


मैंने बहुत कोशिश कि 

व्हाट्सप्प,फेसबुक,ट्विटर,इंस्टाग्राम,म्यूजिकली,

hike, हर जगह उसको ढूंढा, 

पर वो कही नहीं मिली, 

मैं सिर्फ उससे पूछना चाहता था, कि 

मेरा कसूर क्या था, 

कम से कम मैं अपनी गलती का 

अहसास तो करता, 

उसके चले जाने के कितने दिनों तक मैं 

डिप्रेसन,अवसाद से 

घिर गया था, 

ज़ब भी किसी को किताबों में 

फूल रखते हुए देखता, 

उसकी ही याद आ जाती थी, 

ऐसा लगता जैसे वो सामने बैठी हो, 

उसके दिखने कि मुझे 

बीमारी लग गई हो जैसे, 

आज भी ज़ब बेचैनियां बहुत बढ़ जाती हैं, 

तो मैं उसके साथ बनाया हुआ, 

टिक-टाक वाला वीडियो देखकर 

दिन गुजार लेता हूँ !

लाख कोशिशों के बाद खुद को 

संभाल लेता हूँ !


उससे मैं ज़ब पहली बार 

बस स्टॉप पे मिला था, 

मुझे ऐसा लग रहा था, कि जैसे 

हमारा रिश्ता जन्मों -जन्मांतर का हैं, 

उसका सावला सा रंग, 

चेहरे पे स्माइल, 

सफ़ेद कलर वाला शूट, आगे से बाल थोड़ा 

झु

का-झुका, 

तिरछी नजरें मुझे देख रही थी, 

भीगे होठों पे हसीं थी, 

औऱ गाल का काला तिल मानो 

जान ही ले ले, 

मैं अपने आप को नहीं रोक पाया 

अचानक से पूछ लिया कि 

टाइम क्या हो रहा हैं, 

उसने नजरें झुका कर अपने हाथों कि घड़ी को देखा, 

मगर घड़ी बंद थी, 

शर्म के मारे उसने मोबाइल में देखा 

औऱ बताया पवने दस बज रहे हैं, 

मैं तो उसकी मीठी आवाज़ सुनकर 

मन्त्रमुग्ध हो गया, 

कुछ समय तक तो मैं उसके 

होठों को ही देखता रह 

गया, 

आज भी ज़ब महफ़िलो में 

खुद को तन्हा पाता हू, 

तो मैं उसके साथ बनाया हुआ, 

टिक-टाक वाला वीडियो देखकर 

दिन गुजार लेता हूँ !

लाख कोशिशों के बाद खुद को 

संभाल लेता हू !


हमने कितनी कस्मे खायी, 

लाख वादे किये, 

कि हम जिंदगी में हमेशा साथ 

रहेंगे, कभी नहीं बिछड़ेंगे, 

उसकी सारी कस्मे, 

सारे वादे झूठे 

निकले, 

मगर आज भी दिल उससे 

बेसुमार मोहब्बत 

करता हैं, 

वो मेरी जिंदगी से तो जा चुकी थी, 

मगर मेरे ख्यालों से 

नहीं, 

आज भी सपनों में उसकी 

हूबहू तस्वीर नजर

आती हैं, मानो जैसे वो 

नजरें झुकाकर मेरे

सामने खड़ी हो!

आज हमारी फ्रेंडशिप को तीन 

सह हो गए, 

उसका दिया हुआ वो तोहफा 

आज भी मैं दिन में 

दो -चार बार देख लेता हूँ , 

कुछ पल तो उसकी कमी महसूस नहीं 

होती हैं, 



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