तर्पण
तर्पण
आत्मा ,परमात्मा व मानव शरीर,
एक अटूट संबंध है इन तीनों के बीच,
आत्मा अमर है मानव शरीर नश्वर ,
दोनों के बीच का मिलन परमात्मा।
हिंदू संस्कृति में पितृ पक्ष श्राद्ध के अंदर,
अपने स्वर्गीय दादा दादी ,नाना नानी,
किसी भी भाई बंधू की आत्मा की,
शांति के लिए तर्पण किया जाता है।
आत्मा की संतुष्टि के लिए,
अपने पूर्वजों के मान के लिए,
परिवार की सुख-शान्ति के लिए,
विधि से तर्पण किया जाता है।
लोक मान्यता बताती है ,
परलोक से पूर्वज आते हैं,
श्राद्ध का तर्पण बल देता है,
पूर्वजों का मान बढ़ता है।
बात है आस्था और विश्वास की,
हमारी अपनी परंपराओं की,
हमारी संस्कृति की अनमोल धरोहर,
हमारे संस्कार हमारी संस्कृति की।