तन्हा नहीं हूँ
तन्हा नहीं हूँ
मुश्किलें ज़रूर है,
मगर ठहरी नहीं हूँ मैं,
मंज़िल से ज़रा कह दो,
अभी पहुंची नहीं हूँ।
साथ चलता है,
दुआओं का काफ़िला,
क़िस्मत से कह दो,
अभी तन्हा नहीं हूँ।
मुश्किलों को मोड़, देना,
हमें आता है, चाहे हो,
कोई भी मुश्किल
मगर ठहरी नहीं हूँ मैं।
मंज़िल से ज़रा कह दो,
अभी पहुंची नहीं हूँ मैं
अभी तन्हा नहीं हूँ मैं।