।।तन्हा दिल।।
।।तन्हा दिल।।
अब तन्हा तन्हा दिल रहता है
याद तेरी फिर भी करता है
तन्हाई है अब मेरा गहना
फिर भी कुछ नहीं मुझको कहना
दूर जो मुझसे चला गया है
काॅ॑टे दिल में चुभा गया है
लौट के अब वह न आएगा
अभी और मुझे वह तड़पाएगा
तन्हाई का आलम अपना
कितना सुंदर था वह सपना
सुर्ख कली जब मुस्काई थी
पौध प्यार की उग आई थी
फिर भौंरा गुन गुन कर आया
कली के ऊपर फिर मॅ॑डराया
न जाने कैसा संगीत सुनाया
कली को उसने खूब लुभाया
कली भी अब इतराने लगी थी
भौरे से राग मिलाने लगी थी
मधुर मधू मधुकर ने पाया
मधुर स्वाद उसको था भाया
जी भरके रसपान वह करके
गायब हो गया फिर इस जग से
झूठे प्यार की थी यह माया
तन्हाई है अब मेरी शाया।