तलवार से तेज़ होती है कलम
तलवार से तेज़ होती है कलम
तेज़ तलवार से दुश्मनों का
वध होता है
और झरना कलम से दुश्मनों
के बुरे मन का वध होता है
तुम्हें वध करने के लिए दुश्मन
यदि आए
उसे अगर प्यार कर सकोगे
तो दुश्मन का बुरा मन बदल
जायेगा
वह तुम्हारा दोस्त बन जायेगा
तेज़ तलवार से और बंदूक की
गोली से
मनुष्यों का लाल खून ही बहेगा
झरना कलम की लकीर, सत्य
साहित्य की रचना से
मनुष्यों के बीच प्यार पनपेगा,
दुश्मन भी अपना बन जायेगा
झरना कलम तलवार से भी
तेज़ होती है
खून न बहाकर, दुश्मनों के बुरे
मन को वध करता है
मनुष्य -मनुष्य के बीच चौड़ी तनाव
की खाई को पटाता है हिंसा और
शोषण छोड़कर, दया और प्यार
की संदेश फैलाता है
तलवार के बल पर एक देश
को जीता जा सकता है
शोषण चलाया जा सकता है
पूरे धरती में
परंतु नहीं हो सकेगा एक गाँव के
लोगों की मन को जितना
देश की राजा बनने पर भी, तुम्हारी
इज़्ज़त नहीं रहेगी लोगों के मन में
इसीलिए तलवार के बदले में झरना
कलम ही उपयोग करो
दुश्मनों का वध न करो, वध करो
उसके बुरे मन को
खून न बहाव, क्रंदन ध्वनि आने
न दो धरती में
हिंसा, घृणा, न फैलाओ, दया -प्यार
के ही गीत गाओ
झरना कलम की शक्ति से,
पूरे धरती में शासन करोगे
लोगों के दिल में राज करोगे
सब का प्यार पाओगे