तिरंगा
तिरंगा
जो दो दिलों को जोड्ता उसे प्यार कहते हैं ,
जो प्यार के अरमान को समझता उसे यार कहते हैं ,
जो यारी से दिल्लगी करता हैं उसे दिलदार कहते हैं ,
जो देशवासियोंको दिल,संस्कृति को जोडता हैं ,
जो देश निशानी हैं उसे तिरंगा कहते हैं .
तिरंगे के आन- बान और शन के लिए मर मिटते हैं ,
उसे हम शहीद कहते हैं .
देशवासियों को के आर्थिक समृध्दि के कर सुधार को,
हम जी. एस टी कहते हैं .
जिस ध्वज के विश्वास से,जी. एस टी को अपनाते हैं ,
उसे प्यारा राष्ट्र-ध्वज तिरंगा कहते हैं .
भिन्न –भिन्न धर्म और पंथो का आपसी भाईचारा,
तिरंगे के तीनो रंगो का कमाल कहते हैं .
भाषा, प्रांतवाद ,जातिवाद और धर्मवाद,
के शिर्ष पर स्थपित हैं उसे हम प्यारा तिरंगा कहते हैं .
तिरंगे के आन, बान और शान में हर समस्या है गौन.
इससे कोई फरक नहीं पडता हमारा नेता हैं कौन .
हर देशवासी का एक ही संकल्प और सपना,
सदा लहराता रहे शान से तिरंगा अपना.
मर मिटने को तैयार इस के सम्मान मे,
इसे करते सभी नमन चाहे वो हो किसान या जवान,
आओ मनायें राष्ट्रियपर्व और निभायें राष्ट्रधर्म,
नीले आसमा के नीचे लहरा के प्यारा तिरंगा अपना.
चारों तरफ गूजंता हैं जय जवान जय किसान,
तिरंगा है हमारे लिए आन, बान और शान.
तिरंगे के शान में हर बलिदान गौन,
हर आपदा को सह लेंगे रहकर मौन.
तिरंगे के शान में देशवासिओं की मुहब्बत है जवान,
ये मुहब्बत रही ह जवान और सदा रहेगी जवान.
दुश्मन के आगे अगर कम पड़े सरहद पर जवान,
सरहद पर देशवासी खडे होगें बनकर जवान.
लेकिन मिटने नहीं देगें तिरंगे की शान,
चाहे हर किसी को देना पड़े बलिदान.