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Sonam Kewat

Abstract Tragedy

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Sonam Kewat

Abstract Tragedy

तीन तिगाड़ा

तीन तिगाड़ा

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मैं तो उससे प्यार करता हूं पर

वो किसी और से प्यार करती है

मैं सिर्फ उस पर मरता हूं लेकिन

वो किसी और पर मरती है 


वक्त मेरे साथ गुजारती है पर 

उसे दोस्ती का नाम दे देती हैं 

गुस्सा अपने आशिक से होती है 

लेकिन मेरे सामने रो देती हैं 


दीवाना हूं उसका उसे पता था

या नहीं ये मुझे भी नहीं पता पर 

मैं हमेशा हाजिर हूं उसके लिए 

ये तो उसे भी है खूब पता 


मेरे घर पर

वो अक्सर आती है 

और मेरे घर वालों को भी पसंद है 

मैं बहाना बनाता हूं दोस्ती ठीक है 

क्योंकि वो हमसफर नापसंद है 


वो उससे मिलती हैं हर रोज 

मैं मिल कर भी मिल नहीं पाता 

वह खुश है उसके साथ इसलिए 

दिल की बात कभी कह नहीं पाता 


उसके कुछ दोस्त मुझसे मिलते नहीं 

और मुझे काम बिगाड़ा कहते हैं 

उन्हें शक है मैं उससे प्यार करता हूं 

तभी तो मुझे तीन तिगाड़ा कहते हैं।


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