थपकी
थपकी
माँ वो प्यार की थपकी तेरी, कर देती थी कमाल।
पल भर में नींद की आग़ोश में चले जाना।
और मीठे सपनों में खो जाना।
जब तू सीने से लगाती थी
मिट जाती थी सारी थकान।
तेरी ममता की छाँव में, हो जाती थी मैं निहाल।
तरस रहा मन लोरी, और गहरी नींद के लिए।
पापा याद है आपकी थपकी,
जो मेरा हौसला बढ़ाती थी।
जो मुझे स्नेहाधार देकर ।
आसमाँ छूने के मेरे सपनों को, देती थी उड़ान।
जब कभी पड़ती थी बीमार,
रात रात भर जागकर ,मेरे माथे पर थपकी देना।
बन गई मेरी ढाल।
आप दोनों ही बन गए ,मेरे लिए बेमिसाल मिसाल।