तेरी यादें माँ
तेरी यादें माँ


सम्भाल रखी हूँ,
तेरी मखमली यादें,
तेरा कोमल स्पर्श,
तेरी मुस्कराती हसरतें
बिन मांगी नसीहतें,
हाँ माँ! तू कितना
सम्भालती थी मुझे।
जीती हूँ तुझे हर पल,
सच में तेरे जैसे ही माँ,
मैं जबसे माँ बनी हूँ,
मन करता है कि,
बन जाऊँ तेरी माँ,
रख लूँ तेरा ख़याल,
जागकर रात भर,
जैसे तुम रखती थी,
मेरा ख़याल,
हाँ माँ! एक-एक पल
याद है मुझे।
कई रातों की जगी,
आँखों में ममता की चमक,
मेरी एक मुस्कान पे,
सब कुछ भूलकर
मुस्कुरा देती थी,
तू कितनी प्यारी थी,
हाँ! माँ ! कितना महफूज
रखती थी मुझे।
आज मैं जीती हूँ
पल-पल तेरी जिन्दगी,
जगती हूँ रात-रात भर,
क्योंकि मैं भी माँ बन गई हूँ,
मिटा लेती हूँ अपनी थकान,
देखकर अपने बच्चे की मुस्कान,
हाँ, माँ! अब गुस्सा नहीं आता मुझे।