तेरी याद में
तेरी याद में
तेरी याद में और सब कुछ भुलाया।
मोहब्बत में अपना सभी कुछ गँवाया।
मिला दर्द मीठा तुझे प्यार कर के,
जो अमृत में थोड़ा ज़हर हो मिलाया।
जो रोया नहीं था कभी जिंदगी में,
उसे रात दिन हर घड़ी क्यूँ रुलाया।
तुम्हीं ये बता दो ये रिश्ता है कैसा,
न अपना बनाया न बोला पराया।
मिलेंगे तुझे हम तेरे दर हमेशा,
अगर तुम ने हमको कभी आजमाया।
तेरे इश्क़ का है असर मुझ पे कैसा,
बिगाड़ा है मुझको या मुझको बनाया।
ये ज़ालिम ज़माना मेरा हाल पूछे,
भरी महफ़िलों में ग़ज़ल को सुनाया।
अँधेरे मुझे जब कभी घेर लेते,
तेरे अक्स ने दिल में दीपक जलाया।
मोहब्बत है होती खुदा की नियामत,
बना नूर अवि ने है दिल में सजाया।