तेरे लिए
तेरे लिए
मैंने तेरे लिए,
रखे थे कितने सपने संजो कर
तू उस रात चली गई
मेरे सपनों को तोड़कर।
उस वक्त तो तेरे लिए हो गया था
उसका प्यार मेरे प्यार से भी बड़ा पर
आज में इए किया सुन रहा हूं।
आज तू लौट आयी है उसे भी छोड़कर
पर आज भी में वहीं पर खड़ा हूं जहां तुम
चली गई थी उस रात
मेरे सपनों को तोड़कर।
कभी याद मेरी आए तो
मुझे देखने आ जाया कर
अब तुम प्रेमी का तरह नहीं तो ना सही
एक दोस्त की तरह मुझे गले लगाया कर।