तड़प
तड़प
आती है, तड़पाती है,
आकर फिर न जाती है।
तुम्हारी यादें मुझे इतना,
हर पल क्यूँ सताती है।।
आती है....
तुमसे मिलकर जाने कितने,
ख़्वाबों को मैने बुना।
मुझे भुलाकर मुझसे दूर,
जाना तुमने क्यूँ चुना।।
आती है.....
सोच में मैं भी बैठी हूँ,
जाने वो दिन कब आएगा।
मेरी तरह मेरी भी,
याद तुम्हें तड़पायेगी।।
आती है....