तारे ज़मीन पर
तारे ज़मीन पर
सुंदर बालकों के रूप में,
नन्हे टिमटिमाते तारे।
सूरज की रोशनी में,
खिल रहें हैं इतने सारे।।
श्वेत पोशाक पहने,
शांति का प्रतीक हैं।
इन होनहार के हाथों,
हम सबकी जीत है।।
अंधकार को मिटाने वाले,
असंख्य तारे इतने प्यारे।
कोई ध्रुव तो कोई पुच्छल तारा,
हर कोई अत्यंत प्यारा।।
जग में देखो सबसे न्यारा,
बहती रहे गंगा की धारा।
हीरे-मोती जैसी स्वच्छता,
आसमान के तारों को देख।।
मन मेरा बहुत मचलता,
तारों की महफ़िल।।
सजी है जमीन पर,
आप भी आएं।
संग में अपने सबको लाएं,
रलमिलकर हम खुशियाँ मनाएं।।
तारों के स्वागत में,
खूब गीत गाएं।
नाचें-झूमें,
धरा को ही स्वर्ग बनाएं।