स्वतंत्रता का सही अर्थ
स्वतंत्रता का सही अर्थ
वह मेरे संपर्क में आता है तो
मैं चाहती हूं
वह मुझसे दूर चला जाये
वह मुझसे नहीं बोलता तो भी
मुझे घुटन सी होती है
मुझे यह समझ ही नहीं आ रहा कि
मैं आखिर चाहती क्या हूं
यह कहानी मेरी ही नहीं
अधिकतर का यही हाल है
हर किसी का जीवन चल तो रहा है
लेकिन वह इस जीवन से पाना क्या
चाहते हैं ,उन्हें नहीं पता
जीवन में जो उन्हें मिलता जा रहा है
वह उसी को अपनी सफलता समझ रहे हैं
कैद से निकलने पर भी
हम स्वतंत्र महसूस नहीं करते
कारण कि हम मन से स्वतंत्र नहीं हैं
मुझे वह पसंद नहीं था लेकिन
वह अब सामने नहीं
तब भी उसकी यादों में कैद हूं
उनसे स्वतंत्र नहीं
अब छटपटा रही हूं
एक पर कटे पंछी की तरह ही
उसने मेरी खुशामद क्यों नहीं की
मुझे मनाया क्यों नहीं
मेरे से रिश्ता जोड़े रखने का
प्रयास क्यों नहीं किया
मैं एक कैद में नहीं हूं
मैं कैद की एक
बड़ी भंवर में कैद हूं
कैद के अंदर कैद के अंदर
कैद हूं मैं स्वतंत्र दिख रही हूं
पर कहीं से स्वतंत्र नहीं हूं
स्वतंत्रत होने का मतलब यह नहीं कि
किसी के लिए उसके घर का
दरवाजा खोल दिया जाये और
उसे धक्का मारकर
बिना किसी सहयोग और समर्थन के
अपने बूते पर ही कुछ कर दिखाने के लिए
बाहर फेंक दिया जाये
यह तो किसी का अपमान है
उसे दी गई कोई स्वतंत्रता नहीं
घर के एक कोने में किसी
को एक वस्तु की तरह पटक
दिया जाये
न उससे कुछ बोला जाये
न उससे कुछ पूछा जाये
न उसका दिल रखा जाये
न उसके लिए कुछ किया जाये
न उसे कहीं कोई समर्थन दिया जाये
कहने का तात्पर्य यह है कि
पंछी के पिंजड़े के दरवाजे का
ढक्कन खोल दिया जाये कि
जाओ तुम स्वतंत्र हो और
उसे न ही कोई उड़ने के लिए आसमान
न ही उसके बचाव के कोई उपाय किये जायें
न ही उसकी उड़ान को सराहा जाये तो
फिर ऐसी स्वतंत्रता का कोई
अर्थ नहीं रह जाता
स्वतंत्रता का सही अर्थ है कि
किसी के विचारों की
आजादी
उसके विचारों का
उसके अपनी मंजिल को पाने के
प्रयत्नों में सहयोग देना
उसे प्रोत्साहित करना
उसे खुशी देना
उसकी खुशी में खुश होकर
शरीक होना ही
यही उपहार किसी के लिए
एक स्वतंत्रता का अहसास है
अन्यथा नहीं।