सूर्योदय का लाल किरण
सूर्योदय का लाल किरण
पर्दा हटती है खिड़की से
रोशन जहां हो जता है
वो सूर्योदय का लाल किरण
जब चारों ओर छा जाता है
पक्षी छोर कर घोसले को
गगन में उड़ जाता है
आसमान का नीला रंग
सुबह को बड़ा सुहाता है
मंदिर में घंटी बजती है
शंख नाद हो जाता है
वो सूर्योदय का लाल किरण
जब चारों ओर छा जाता है
वो कोयल का मीठा राग
जब बागों से आता है
प्रकृति का ये गजब नजारा
आंखो में बस जाता है
नदी तालाबों का पानी
मोती सा बन जाता है
किरण पड़ती है जब पेड़ पे
कली फुल बन जाता है
वो सूर्योदय का लाल किरण
जब चारों ओर छा जाता है।