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Sandeep Kumar

Abstract

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Sandeep Kumar

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सूरज सा जो चमक रहा अंधियारा का जो तारा है

सूरज सा जो चमक रहा अंधियारा का जो तारा है

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सूरज सा जो चमक रहा 

अंधियारा का जो तारा है

वह युवा,वह युवा वर्ग हमारा है।।


कारगिल में जो शहीद हुआ

मां के आंखों का जो तारा है

वह युवा, वह युवा वर्ग हमारा है।।


झुकता नहीं जिसका सर

जिसे सीने पर गोली खाना प्यारा है

वह युवा, वह युवा वर्ग हमारा है।।


सहनशक्ति और धैर्य का

प्रकाश दीप्त सा जोन न्यारा है

वह युवा,वह युवा वर्ग हमारा है।।


खुशियों से जो घर भर दे

बुढ़ापे का जो सहारा है

वह युवा,वह युवा वर्ग हमारा है।।


इतिहासो में जिसका गुण गान भरा

शौर्य से जिसका बखान भरा

वह युवा, वह युवा वर्ग हमारा है।।


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