सुनो! मैं ना
सुनो! मैं ना


सुनो ! मैं
दोस्त से दो कदम आगे
पत्नी से दो कदम पीछे
तुम्हारी प्रेमिका बनना चाहती हूं
प्रेम रस से ज़िंदगी को भरना चाहती हूं।
सुनो! मैं
प्रेम की धार में
तुम्हारे संग बहना चाहती हूं
तुम्हारे संग प्रेम क्षितिज पर
हृदय के आंगन की रोशनी बनना चाहती हूं।
सुनो! मैं
प्रेम के हर रस में डूबकर
तुम्हारे जीवन को जगमगाना चाहती हूं
चंदन की खुशबू सी महक कर
पवित्र तुलसी बनना चाहती हूं।