सुकून वही ना...
सुकून वही ना...
बेपरवाही से जीने का वो बचपन का सुकून
गुनगुनाती धूप में चिड़ियों की चहचहाहट का सुकून
बारिश की बूंदों को छू लेने का सुकून
फिजा में घुली मिट्टी की सौंधी खुशबू का सुकून
सुहानी शाम में वो अल्हड़ हवाओं का सुकून
वो रातों में सबों संग छत पर सोने का सुकून
दोस्तों संग कुल्हड़ की चाय का सुकून
अपनों संग बिताए खट्टे मीठे लम्हों का सुकून
अपने ख्वाबों को जी लेने का सुकून
संघर्षों से मिली मंजिल पाने का सुकून
दो वक़्त की रोटी पाते चेहरों को देखने का सुकून
या फिर तरसते बूढ़े आंखों का सहारा बन जाने का सुकून
पल पल बदलते अरमानों का सुकून
जिंदगी के हर मोड़ का सुकून!!!