सुबह बदली बदली सी
सुबह बदली बदली सी
अब मेरी सुबह बदल गयी
सूरज चंदा बन गया।
बिस्तर छोड़ सूरज को देखने से पहले
उनकी चाँद सा मुखड़ा दिख गया।
सुबह का सूरज देखा कब था
ये तो मैं भूल गया।
आज तो आंख खुलते ही
उनको देखता हूँ
चाय की प्याले के साथ।
सूरज की अरुणिमा की जगह
चाँद की चमक।
लो हो गयी मेरी सुबह।
और कई सुबह कुर्बान हो गए office में
morning position के चक्कर में
सुबह का बच्चा सूरज
किशोर बन जाता।
बाहर निकलो तो
सूरज आंख दिखाता।
लो हो गयी मेरी सुबह।
कई बार वक्त पे सो लेता हूँ
फिर भी वही हाल
अरसा के बाद मिली एक
ठंडी भोर की नींद को
धोखा देने को दिल नहीं करता
लो हो गयी मेरी सुबह।
उस दिन तो घर का चाँद
कुछ देर से उगता
रहम उनकी आधे घंटे की,
मेरी सुबह को सात बजे तक
सरका देता
सूरज की अरुणिमा को ना देख पाता।
लो हो गयी मेरी सुबह।
आज मैं सुबह के उगते सूरज को
Wall paper में सेट कर लिया।
चिड़ियों की चह चहा हट को रिंग टोन
चाय की प्याली के साथ चाँद
और mobile की स्क्रीन में सूरज
अब मेरी सुबह बदल गयी।